Shani Chalisa pdf
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शनि चालीसा पाठ की विधि
- आप लोग शनि का पाठ हर दिन कर सकते हैं| यदि किसी कारणवश ऐसा ना हो पाए,तो शनिवार के दिन शनि मन्दिर में या पीपल के वृक्ष के नीचे शनि चालीसा का पाठ करें।
- यदि कोई व्यक्ति शनि के दोष से प्रभावित है, शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव पड़ रहा है, उन्हें भी शनिवार के दिन शनि मन्दिर में शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- शनि का पाठ करने से पहले पूजा स्थल पर सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें,और शांत मन से शनि चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से आपके जीवन की समस्याएं दूर होगी और श्री शनि देव अवश्य ही प्रसन्न होंगे
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आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल
आमतौर पर शनि देव महाराज को लेकर कुछ सवाल पूछे जाते हैं| उनमें से कुछ प्रश्नों का उत्तर यहां पर प्रदर्शित किया गया है आशा है यह आपकी जानकारी को बढ़ाएंगे
क्या हम रोजाना शनि चालीसा पढ़ सकते हैं?
हां ,आप रोजाना शनि चालीसा पढ़ सकते हैं| यदि किसी व्यक्ति में शनि दोष है तो हमारा सुझाव है, वह शनिदेव चालीसा के साथ हनुमान चालीसा भी प्रतिदिन पड़े| क्योंकि शनि देव और और हनुमान के मध्य बहुत ही प्रिय संबंध है| Shani Chalisa pdf को डाउनलोड करने के लिए ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक करें
शनि मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
शनि मंत्र कितनी बार बोलना चाहिए?
शनि देव और हनुमान का क्या संबंध है?
बताया जाता है कि हनुमान जी के गुरु सूर्य देव थे| अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद गुरु सूर्य भगवान ने गुरु दक्षिणा लेने की बात कही, भगवान सूर्य ने हनुमान जी से कहा कि मेरा पुत्र शनि देव है, वह मेरी किसी भी आज्ञा का पालन नहीं करता, तुम उसे मेरे पास लेकर आते हो तो यही तुम्हारी गुरु दक्षिणा होगी| सूर्य देव की बात मानकर हनुमान जी शनिदेव को लेने चले जाते हैं| परंतु बहुत मानने पर भी शनिदेव नहीं मानते| अतः दोनों के मध्य भयंकर युद्ध होता है जिसमें शनि देव बुरी तरह घायल हो जाते हैं| तथा हनुमान उनके शरीर पर तेल लगाकर उनका दर्द गायब कर देते हैं और उन्हें पकड़कर सूर्य देव के पास ले जाते हैं
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